रिश्ता वो पगड़ी है जो हर घर की आन है। रिश्ता वो पगड़ी है जो हर घर की आन है।
आओ मिलकर हम करें जीवन का श्रृंगार। आओ मिलकर हम करें जीवन का श्रृंगार।
नहीं मानती मैं बुरा अब किसी बात का। नहीं मानती मैं बुरा अब किसी बात का।
अपने ख्वाहिशो के आंचल में तुम्हारे नांरगी सपने को रुपहली सफेद सी। .... अपने ख्वाहिशो के आंचल में तुम्हारे नांरगी सपने को रुपहली सफेद सी। ....
निष्फल धूर्तों के प्रपंच करें साकार करें मंगल सपने। निष्फल धूर्तों के प्रपंच करें साकार करें मंगल सपने।
स्वयं पर विश्वास, है मेरे सपनों नींव, सपनों की सम्पूर्णता सत्कर्मों पर है टिकी। स्वयं पर विश्वास, है मेरे सपनों नींव, सपनों की सम्पूर्णता सत्कर्मों पर है टिक...